‘100वें टेस्ट में धोनी को इनवाइट किया था, वह मेरा आखिरी मैच होता; लेकिन…’

भविष्यवाणी: अश्विन का बड़ा खुलासा

पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने की भविष्यवाणी की है। उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने पिछले साल मार्च में इंडिया वर्सेस इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के अंत में संन्यास लेना चाहा था।

धोनी का गिफ्ट

अश्विन ने बताया कि एमएस धोनी ने उन्हें अपने 100वें टेस्ट के लिए स्मृति चिन्ह सौंपने के लिए धर्मशाला में आमंत्रित किया था। हालांकि, धोनी उस मैच में नहीं खेले और उन्होंने खेलना जारी रखा।

धोनी की महत्वपूर्ण भूमिका

अश्विन ने कहा, “मैंने अपने 100वें टेस्ट के लिए धोनी को स्मृति चिन्ह सौंपने के लिए बुलाया था। मैं इसे अपना आखिरी टेस्ट बनाना चाहता था, लेकिन वह नहीं आ सके।”

अश्विन की राय

अश्विन ने कहा, “मुझे नहीं लगा था कि धोनी मुझे सीएसके में वापस लाने का तोहफा देंगे। यह बहुत बेहतर है। इसलिए, ऐसा करने के लिए एमएस, आपका धन्यवाद। मैं यहां आकर खुश हूं।”

अश्विन की करियर

अश्विन भारत के लिए टेस्ट और इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट निकालने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने अपने 100वें टेस्ट में 9 विकेट लिए और भारत को जीत मिली थी।

यह था एक बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा जिसने क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया। अश्विन की भविष्यवाणी ने उनके खिलाफ नए सवाल उठाए हैं।

अश्विन का योगदान

रविचंद्रन अश्विन का क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने भारतीय टीम के लिए अनेक मुश्किल समयों में अपनी गेंदबाजी से मदद की है। उनकी विकेट लेने की क्षमता और विवेकपूर्ण गेम प्लानिंग ने उन्हें खिलाड़ियों और पूरे क्रिकेट परिवार का सम्मान कमाया है।

क्रिकेट के भविष्य

क्रिकेट एक खेल है जिसमें हमेशा से भविष्यवाणी की जाती है। खिलाड़ी, कोच, और विशेषज्ञ अक्सर अपनी भविष्यवाणियों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। अश्विन की भविष्यवाणी ने क्रिकेट जगत को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वास्तव में उन्हें इस समय संन्यास लेना चाहिए या नहीं।

एक नया योगदान

अश्विन की भविष्यवाणी के चर्चाओं में एक नया योगदान भी है। उनके इस फैसले ने क्रिकेट जगत को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस तरह के परिवर्तन और निर्णय खिलाड़ी की करियर को प्रभावित कर सकते हैं।

संन्यास का महत्व

क्रिकेट में संन्यास लेना एक बड़ा निर्णय होता है, खासकर जब खिलाड़ी अपने करियर के समापन का सामना करता है। इसमें दिल और दिमाग दोनों की भूमिका होती है। अश्विन के मामले में, उनकी भविष्यवाणी ने उनके लिए एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि उन्हें किस दिशा में अगले कदम उठाना चाहिए।

नए उत्साह का स्रोत

अश्विन की भविष्यवाणी ने उसे नए उत्साह और मोटिवेशन का स्रोत भी दिया है। वे अपने भविष्य के लिए नये उत्साह से भरपूर हो गए हैं और उन्हें अपनी क्रिकेटीय करियर की नई दिशा का सोचने का मौका मिला है।

इस प्रकार, अश्विन की भविष्यवाणी ने क्रिकेट जगत में एक महत्वपूर्ण संदेश भेजा है और उसने उत्थान-पतन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए खिलाड़ियों को प्रेरित किया है।

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